उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं में अपना योगदान दिया हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं -
उपन्यास :
विमथगामी, रास्ता बंद, कान चालू, नाक का डॉक्टर, एक सदी बाँझ तथा बिषय-पुरुष ।
कहानी-संग्रह :
एक अदद औरत, ग्यारह पत्ते, ब्रीफकेस, हेनी और अन्य कहानियाँ (प्रेस में) ।
नाटक :
पत्नी ऑन ट्रायल, सॉप आदमी नहीं होता ।
कविता :
कूडेदान से साभार ।
निबंध :
हम सब गुनहगार, समसामयिक प्रतिक्रियाएँ, पं० चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी', साहित्यकार का संकट, अस्तित्ववाद से गांधीवाद तक, राष्ट्रीय एकता का संकट और साम्प्रदायिक शक्तियां, मंडल रिपोर्ट : वर्णव्यवस्था से समाजवादी व्यवस्था की ओर, साम्यवादी विश्व का विघटन और समाजवाद का भविष्य ।
पैम्फलेट :
हिन्दूवाद आत्महत्या की ओर, नर-नारी समता के मायने, साम्प्रदायिक दंगों का समाजशास्त्र, अंग्रेजी हटाओ' आंदोलन की प्रासंगिकता, भ्रष्टाचार : उपभोगवादी संस्कृति का ब्रह्मराक्षस, वर्तमान सभ्यता का संकट और गांधी-लोहिया ।
बाल-साहित्य : निर्भयता का वरदान, दंड का पुरस्कार, सहेली, बेजुबान साथी, मुँहमाँगा इनाम, पहला पडाव, बीजू की दादी, पारस की खोज (कहानी-संग्रह);
नीरू और हीरू, सपेरे की लड़की, भूतनाथ, सुनहरा मेमना (उपन्यास); एक थी चिड़िया (चित्रकथा) स्पर्धा, बच्चों के नाटक, बच्चों के एकांकी पाँच बाल-नाटक (नाटक) ।
अनुवाद :
ग्यारह तुर्की कहानियां, आंध्र प्रदेश : लोक संस्कृति और साहित्य, डॉ० आंबिडकर : एक चिंतन, सरदार पटेल : व्यवस्थित राज्य के निर्माता, एशिया के बाल-नाटक, स्वामी और उसके दोस्त आदि ।
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